गेगल। कोरोना वायरस की अफवाहों के चलते पोल्ट्री फार्म को काफी नुकसान हो रहा है। कोरोना वायरस के खौफ के कारण लोगों ने अंडे तथा मीट से परहेज करना शुरू कर दिया है। पहले अंडा साढ़े तीन से चार रुपये के करीब बिकता था लेकिन कोरोना वायरस के कोहराम के कारण अब लोग एक रुपये में अंडा लेने को तैयार नहीं। पोल्ट्री फार्मर इमरान खान ने शुक्रवार कोो बताया कि अजमेर जिले के गेगल में लगभग 50 के करीब पोल्ट्री फार्म है। लेकिन अब गेगल में लगभग 90% पोल्ट्री फॉर्म बंद हो चुके हैं। इमरान खान ने बताया की गेगल में करीब साढे आठ लाख मुर्गियां लेकिन भुखमरी के चलते अब मात्र 10 से 20 हजार मुर्गियां हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के खौफ के चलते लोग अंडे नहीं खरीद रहे हैं जिसके कारण व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है। आज पोल्ट्री व्यवसाय ग्राम वासियों को फ्री में मुर्गियां बांटी। उनसे पूछा तो उन्होंने बताया की मुर्गी व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है अब हम लोगों के पास मुर्गियों को खिलाने के लिए दाना नहीं है। मुर्गियां भूखी मर रही है इसीलिए ग्राम वासियों में फ्री में बांटी गई। पोल्ट्री फार्मर प्रतीक चावला ने बताया कि मुझे अकेले पर एक करोड़ का कर्जा है और आए दिन बैंक वालों का पैसा वसूली के लिए हम पर शिकंजा कस रखा। ऐसी स्थिति में मुर्गियों को दाना कहां से खिलाए। अंडे की खपत कोरोना वायरस के कारण बहुत कम हो गई हैं। खर्चे पूरे होने तो दूर की बात है पोल्ट्री फार्मर को घाटा झेलना पड़ रहा है। इस कारोबार को गांवों में बड़े स्तर पर किसानों द्वारा सहायक धंधे के तौर पर अपनाया गया था लेकिन कोरोना वायरस के डर से लोग अंडा खाने से परहेज कर रहे हैं। मुर्गी पालन व्यवसाय से जुड़े मेहबूब अली शेख ने बताया कि आज तक दुनिया भर में एक भी केस अंडे या मीट के कारण कोरोना वायरस होने की पुष्टि नहीं हुई, परंतु इसके बावजूद अफवाहें फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले पोल्ट्री व्यवसाय को अंडा माफिया ने अपना शिकार बनाया और अब हम लोगों पर कर्जा बहुत होने के कारण बैंकों ने अपना शिकंजा कस रखा है।
पोल्ट्री फॉर्म में भूखी मुर्गियां अब भरेगी लोगों का पेट